अपने पूर्वजों के बारे जानना हमेशा जिज्ञासापूर्ण रहा है कि हम कहाँ से आये हैं। जैसे जैसे हम अपने पूर्वजों को खोजते हैं हम उन से संबंध बनाते हैं जिन्हें हम अभी तक जानते भी नहीं थे। और हम में से प्रत्येक के परिवार से कोई एक या दो ऐसे सदस्य होते हैं जिन्होंने कुछ न कुछ उल्लेखनीय कार्य किया होता हैं। आइए जाने कशैनी गांव की वंशावली :
- कशैनी गाँव के लोग मूलतः नादौन, हमीरपुर से हैं। नादौन से राणा खानदान से एक व्यक्ति आराकोट, उत्तराखंड में आया।
- आराकोट से उनके परिवार से एक व्यक्ति खशधार, छोहारा में बसने गया।
- खशधार से इस परिवार का एक सदस्य बहादुर सिंह बरेष्टु (शरौंथा) के एक पंडित की सहायता से कशैनी आया।
- बहादुर सिंह एक खश राजपूत था इसलिए इस गॉंव का नाम खशैनी, अब कशैनी पड़ा।
- बहादुर सिंह के बाद बैहराम तक की पीढ़ियों का पता नहीं चल सका। बैहराम के बाद यह वंशावली अनुक्रमिक रूप में है।
- बैहराम के दो पुत्र हुए- धरंगु और दफरु । धरंगु का वंश उनकी आठवीं पीढ़ी तक ही चला ।
- दफरु के तीन पुत्र हुए - जनारद, शेई और बाकरिया ।
- जनारद के पुत्र जीव राम के दो पुत्र तेगु और जमाल हुए जिनके वंशज आगे जाकर क्रमशः तेगटा और जनारथा कहलाए ।
- शेई के वंशज शेठा कहलाए, उनका वंश आठवीं पीढ़ी घरोंटा (जियालाल) तक ही चली।
- बाकरिया के साथ पुश्तों तक केवल एक एक ही पुत्र होते रहे । बाकरिया के कुछ वंशज ब्राक्टा भी लिखते हैं
- तलोगटा खानदान के पूर्वज तलोकु थे, किवदंती है की वे सजार गाँव से कशेणी आए। संभवत वे जनारद, शेई और बाकरिया के समय आए होंगे।
- बहादुरसिंह और तलोकु के अतिरिक्त रौंचु, पुरीया, रौडा, मंगलू की पीढ़ियों का भी पता चला है, इनमे से पुरीया के वंशज गिरधारी लाल खारला गांव चले गए और बाकि वंश कुछ ही पीढ़ियों तक चला। वंशावली को कैसे देखें :
- बहादुर सिंह
- बैहराम
- धरंगू
- दफरु
- जनारद
- जीव राम
- तेगु
- सुंधी
- बकसीन
- अम्बी
- मोतीराम
- खौरा
- जंगी
- कैरू
- जमाल
- दाओदा
- मौथू
- हरिमन
- परसराम
- बिशनदास
- शिकु
- कपुरु
- नन्तराम
- धौंकलु
- लक्ष्मीदास
- परसराम
- केवलराम
- हरिमन
- तेगु
- जीव राम
- जनारद
- शेई
- बाकरिया
- बैहराम
नीचे दिए गए नाम पर क्लिक करें अथवा छुएं। क्लिक करने पर अगली पीढ़ी खुलेगी। इसी प्रकार दोबारा क्लिक करने पर उस व्यक्ति की पीढ़ी स्क्रीन से छुप जाएगी। किसी भी व्यक्ति की पीढ़ी /परिवार देखने के लिए उस पर क्लिक करें। किसी व्यक्ति के नाम पर माउस को क्लिक या होवर करने पर, उसके परिवार के सदस्यों को हल्के नीले रंग में प्रदर्शित किया जाता है।
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आभार: इस वंशावली का आरंभिक संकलन स्व. श्री चैन राम जनारथा जी ने किया था । इसका क्रमवद्ध अद्यतन सन 1993 में स्व. श्री भगवान दास तेगटा जी ने स्व. श्री चैन राम जनारथा और स्व. श्री बैन्सी तेगटा की सहायता से किया । सुरेंद्र तेगटा ने इस वंशावली को 2012 में डिजिटाइज़ किया और वेब पोर्टल पर प्रकाशित किया।
Really very appreciating work. it will be definitly appreciating by comming generation too
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